Saturday, 29 December 2012

Dedicated to "Damini" the Rape victim ...


 http://media2.intoday.in/indiatoday/images/stories/delhi-rape-1-350_122912091648.jpg
 
 माँ बहुत दर्द देकर बहुत दर्द सहकर तुझसे कुछ कहकर,में
जा रही हूँ
आज मेरी विदाई में सब सखिया आएंगी
सफ़ेद जोड़े में लिपटी देख ,सिसक सिसक मर जायेंगी
लड़की होने का वो खुद पर अफ़सोस जताएंगी ..
माँ तू उनसे इतना कह देना ,दरिंदो की दुनिया में संभलकर
रहना
माँ राखी पर जब भैया की कलाई सुनी रह जायेगी
याद मुझे कर ,जब जब उनकी आँख भर आएगी
तिलक माथे पर करने को रूह मेरी भी मचल जायेगी
माँ तू भैया को रोने मत देना ..
में हर पल उनके साथ हूँ कह देना ..
माँ .. पापा भी छुप छुप बहुत रोएंगे में कुछ न कर पाया कह
खुद को कोसेंगे
माँ दर्द उन्हें ये होने न देना वो अभिमान है मेरा ,
सम्मान है मेरा तू उनसे इतना कह देना ..
माँ तेरे लिए अब क्या कहूँ दर्द को तेरे शब्दों में कैसे बांधू
फिर से जीना का मौका कैसे मांगू.
माँ लोग तुझे सताएंगे
मुझ को आजादी देने का इल्जाम लगाएँगे
माँ सब सह लेना ..पर ये न कहना
" अगले जन्म मुझे बिटिया न देना "..
 

 

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